गर्भावस्था में सफर करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। हम भारतीय नारी तो बच्चे की सुरक्षा के लिए सफर करना ही छोड़ देती है। अगर देखा जाए तो विश्वभर के डॉक्टर कहते है कि ऐसी स्थिति में सफर करना हानिकारक नही होता बस हमे थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। आप कैसे भी यात्रा करिये बस इन चीज़ों का ध्यान रखें:
जैसे गर्भावस्था की प्रगति होती है, वैसे वज़न में बढ़ौती होती है। इससे संतुलन बिगड़ सकता है। वज़न बढ़ने से जोड़ो में दर्द भी रहता है और यात्रा करना कठिन हो जाता है।
ये कहना गलत नहीं होगा कि हम सारा समय घर पर नही बैठ सकते और यात्रा करना अनिवार्य हो जाता है। जब आप कहीं भी जाए, इन बातों का ध्यान रखें:
1 स्कूटर: पहले तिमाही में स्कूटर चलाने पे कोई रोक नहीं, बस ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए सफर करिये। रास्ते में गड्ढे हो तो स्कूटर से यात्रा बंद कर दीजिए। चौथे महीने से स्कूटर न चलाये। जब स्कूटर में पीछे बैठ के सफ़र कर रहे हो तो दोनों तरफ पैर रखे ।
2। ऑटो रिक्शा: वैसे तो ऑटो रिक्शा काफ़ी सुरक्षित साधन है, पर हमें ये याद रखना चाहिए कि ट्रैफिक पर हमारा नियंत्रण नही। ऑटो में सफर करते वक़्त चालक को संभल कर चलाने को कहिये। रास्ते के गड्ढे एवं ट्रैफिक का ध्यान रख के चलाये।
3। बस: सार्वजनिक परिवहन होने के कारण, बस में सफर करना अनुकूल है। हमे केवल इतना याद रखना है कि व्यस्त समय पर सफर ना करें। उतरते एवं चढ़ते वक्त पॉयदान का ध्यान रखें और चढ़ते-उतरते समय किसी की मदद ले। अगर आपको सीट न मिले तो सहयात्री से निवेदन करिये।
4। ट्रैन : आज कल बड़े शहरों में ट्रेन से यात्रा करना काफ़ी सुविधाजनक हो गया है। ट्रैन में काफ़ी जगह होने के कारण यात्रा आरामदायक होती है। बस इतना ध्यान रखिये किमचढ़ते और उतरते वक्त सावधानी बरतें। अगर यात्रा करते हुए थकावट महसूस हो तो पैरों को ऊपर रखे इससे पैरों को आराम मिलेगा। चलती हई गाड़ी में शौचालय का प्रयोग ना करें, इससे संचालन बिगड़ सकता है।
5। हवाई जहाज: ये यात्रा करना का सबसे महँगा साधन है पर सबसे तेज़ भी है। 28 हफ़्तों के बाद हवाई जहाज से यात्रा करने पर डॉक्टर से प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है। हवाई जहाज से यात्रा की योजना बनाते समय इसे ध्यान में रखें . विमान में सफर करते हुए गलियारे के पास वाली सीट ले, इससे शौचालय जाने में सुविधा रहेगी और आपका हर समय सहयात्री को उठाना नहीं पड़ेगा।